जानें मनुष्य के लिए क्यों जरूरी है आयुर्वेद ?
आयुर्वेद: सामान्य परिचय
आयुर्वेद प्रकृति द्वारा प्रदान और ऋषियों के शोध कार्यों से जन्मा एक विज्ञान है। यह हज़ारों साल पुराना वो तरीका है जिसने बड़े-से-बड़े और पुराने-से-पुराने रोगों को समाप्त किया है। यदि हम बात करें आयुर्वेद के जन्म की, तो यह पवित्र वेद यजुर्वेद से उल्लेखित किया गया है। आयुर्वेद इस बात को मानता है कि मनुष्य का मन, शरीर और आत्मा एक संपूर्ण इकाई है। जो आपस में एक-दूसरे को प्रभावित करते हैं और एक साथ मिलकर रोग को समाप्त करते हैं. इसीलिए आज भी इसकी मान्यता बरकरार है। आयुर्वेद की कुछ विधियां (योग, ध्यान, प्राणायाम, जड़ी-बूटियां आदि) पहले से ही चलन में रही हैं। वैसे तो अंग्रेजी तरीकों और दवाईओं से भी रोग ठीक हो जाता है पर जड़ से खत्म नहीं हो पाता। वहीं आयुर्वेद न सिर्फ हमारे शरीर को शक्ति प्रदान करता है, बल्कि रोग को जड़ से भी उखाड़ फेंकता है।
आयुर्वेद: एक वरदान
आयुर्वेद एक तरह से हम मनुष्यों के लिए वरदान है। क्योंकि आजकल का खान-पान किस तरह का है वो हम सभी जानते हैं। इसके अलावा हम भी ठीक से भोजन नहीं कर पाते और ना ही उसको ठीक से पचा पाते। ऐसे में हमारी इम्यूनिटी कमजोर पड़ जाती है और बहुत सी बीमारियां हमें घेर लेती हैं। ऐसे में इन सब बीमारियों से बचने का सबसे अच्छा साधन (Solution) है “आयुर्वेद”। क्योंकि आयुर्वेद में ऐसी दवाइयां हैं, जिनसे किया गया इलाज एकदम सटीक(Perfect) रहा है। इसलिए इसके बारे में यह कहा जा सकता है –“आयुर्वेद है ऐसा वरदान, जो करे रोग का काम तमाम”
आयुर्वेद है सस्ता और लाभकारी इलाज
आयुर्वेद लाभकारी होने के साथ-साथ स्वदेशी और सस्ता भी है। आज हम अंग्रेजी दवाओं में इतना रुपया लगाकर भी खुद को स्वस्थ नहीं कह सकते। जबकि आयुर्वेद सस्ती और सटीक (Perfect) औषधि प्रदान करता है। इन औषधियों से न तो शरीर को कोई हानि होती और न ही कोई दुष्प्रभाव (Side Effects) होता है। यदि आप अपने केवल एक बर्गर (Burger) के पैसों को किसी आयुर्वेद औषधि को खरीदने में लगा दें तो हम एक आम जीवन को भी बेहतर जीवन की तरह महसूस करेंगे और हमेशा ख़ुश रहेंगे।
आयुर्वेद कब है नुकसानदायक ?
वैसे तो आयुर्वेदिक इलाज का रिजल्ट पॉजिटिव रहता है। पर अन्य इलाजों की तरह आयुर्वेदिक इलाज में भी दवा के नेगेटिव परिणाम आने के चांस रहते हैं। यह बात तब ज्यादा टेंशन वाली बनती है, जब हम आयुर्वेदिक दवा या थेरेपी को बताये गये तरीके से नहीं लेते। और ऐसा सिर्फ आयुर्वेदिक इलाज में ही नहीं बल्कि हर इलाज में होने की संभावनाएं रहती हैं। क्योंकि यदि हमें किसी दवा या व्यायाम (Exercise) के बारे में ठीक से जानकारी ही नहीं होगी तो वो हमारे शरीर के लिए अच्छी नहीं होगी। इसलिए इलाज कराते वक्त एक अच्छे एवं प्रशिक्षित आयुर्वेदिक डॉक्टर का चुनाव करना चाहिए और उसके बताए अनुसार इलाज का पालन करना चाहिए।
सारांश
अभी तक जितने भी रोगियों ने आयुर्वेद को अपनाया है, उनमें से अधिकतर रोगी आज पूर्णतः रोगमुक्त होकर एक स्वस्थ जीवन का आंनद ले रहे हैं। हमारा मानना है कि, आयुर्वेद को अपनाना अपने जीवन को बीमारियों से बचाना है। क्योंकि प्रत्येक व्यक्ति में बुद्धि और ताकत का होना बहुत ज़रूरी है और आयुर्वेद हमे रोगमुक्त करके ताकत प्रदान करता है। ऐसे में जब कोई रोग ही हमारे शरीर को नहीं छुएगा तो हमारी बुद्धि भी स्वयं अपने विकास पथ पर होगी।
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